Canonical टैग कैसे सेट करें: स्टेप-बाय-स्टेप गाइड हिंदी में

Canonical टैग कैसे सेट करें: स्टेप-बाय-स्टेप गाइड हिंदी में

विषय सूची

1. Canonical टैग क्या है और क्यों ज़रूरी है?

Canonical टैग का परिचय

Canonical टैग एक HTML एलिमेंट है जिसका उपयोग वेबसाइट पर डुप्लीकेट या बहुत मिलते-जुलते कंटेंट के लिए किया जाता है। यह टैग सर्च इंजन को यह बताता है कि किसी पेज का “मास्टर वर्शन” कौन सा है, जिससे गूगल या अन्य सर्च इंजन सही पेज को इंडेक्स कर सकें। भारतीय डिजिटल मार्केट में, जहां अक्सर एक ही प्रोडक्ट या आर्टिकल के कई URL बन जाते हैं, वहां Canonical टैग बेहद जरूरी हो जाता है।

SEO में Canonical टैग की अहमियत

समस्या Canonical टैग से समाधान
डुप्लीकेट कंटेंट सिर्फ एक मुख्य URL को सर्च इंजन में दिखाया जाता है
रैंकिंग में गिरावट ऑरिजिनल पेज की रैंकिंग बरकरार रहती है
क्लिक थ्रू रेट (CTR) कम होना यूज़र्स को सही पेज पर भेजा जाता है

भारत के डिजिटल मार्केट में डुप्लीकेट कंटेंट की समस्या

भारत में ई-कॉमर्स वेबसाइट्स, न्यूज पोर्टल्स और एजुकेशनल साइट्स पर अक्सर एक ही जानकारी कई URL पर दिखती है। जैसे, एक ही प्रोडक्ट फिल्टर लगाने पर अलग-अलग URL पर आ सकता है। इससे गूगल कंफ्यूज हो जाता है कि किस पेज को प्रायोरिटी देनी चाहिए। Canonical टैग लगाने से यह समस्या हल हो जाती है और आपकी साइट की SEO हेल्थ भी बेहतर रहती है।

Canonical टैग इस्तेमाल करने के फायदे:
  • सर्च इंजन सिर्फ एक पेज को इंडेक्स करता है, बाकी को इग्नोर करता है।
  • आपकी वेबसाइट की अथॉरिटी बढ़ती है क्योंकि लिंक जूस फैलता नहीं है।
  • डुप्लीकेट कंटेंट पेनल्टी का खतरा कम होता है।
  • भारतीय यूज़र आसानी से ऑरिजिनल कंटेंट तक पहुँच सकते हैं।

इस सेक्शन में हमने बताया कि Canonical टैग क्या होता है, यह सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन (SEO) के लिए क्यों महत्वपूर्ण है और डुप्लीकेट कंटेंट की समस्या भारत के डिजिटल मार्केट में कैसे हल करता है।

2. Canonical टैग का सही इस्तेमाल – भारतीय वेबसाइट्स के लिए टिप्स

Canonical टैग क्या है और क्यों जरूरी है?

Canonical टैग एक HTML एलिमेंट है, जिसका उपयोग यह बताने के लिए किया जाता है कि किसी वेबपेज का असली या प्राइमरी वर्शन कौन सा है। भारत में, जहाँ ई-कॉमर्स, न्यूज़ पोर्टल्स और ब्लॉग्स जैसी बहुत सी वेबसाइट्स हैं, वहाँ कंटेंट डुप्लीकेशन आम समस्या है। सही canonical टैग लगाने से आपकी वेबसाइट सर्च इंजन में बेहतर रैंक कर सकती है।

कब और कहाँ लगाएँ Canonical टैग?

नीचे टेबल में बताया गया है कि किस तरह की भारतीय वेबसाइट्स पर आपको canonical टैग कहाँ-कहाँ लगाना चाहिए:

वेबसाइट टाइप उदाहरण Canonical टैग लगाने का स्थान
ई-कॉमर्स फिलिपकार्ट, अमेज़न इंडिया एक ही प्रोडक्ट के अलग-अलग URL (रंग/साइज वेरिएशन) पर
न्यूज़ पोर्टल्स NDTV, दैनिक भास्कर एक ही खबर के कई वर्शन या आर्काइव्ड पेज पर
ब्लॉग्स YourStory, ShoutMeHindi Pagination (जैसे page/2/), category/tag pages पर

Canonical टैग लगाने के आसान स्टेप्स

  1. पेज आइडेंटिफाई करें: सबसे पहले उन पेजेस को पहचानें जहाँ कंटेंट डुप्लीकेट हो सकता है। जैसे एक ही प्रोडक्ट के कई URLs.
  2. प्राइमरी URL चुनें: तय करें कि कौन सा URL आपके लिए मुख्य है, जिसे आप Google को दिखाना चाहते हैं।
  3. <link rel=”canonical”> जोड़ें: अपने HTML हेड सेक्शन में इस तरह canonical टैग डालें:
    <link rel="canonical" href="https://aapkiwebsite.com/pramukh-page/" />
  4. इंटरनल लिंकिंग ध्यान से करें: सभी इंटरनल लिंक मुख्य (canonical) पेज की ओर ही पॉइंट करें। इससे Google को सही पेज समझने में मदद मिलती है।
  5. Tools का इस्तेमाल करें: Screaming Frog, Ahrefs जैसे टूल्स से चेक करें कि कहीं गलती से गलत canonical तो नहीं लगा हुआ।

भारतीय वेबसाइट्स के लिए खास सुझाव

  • E-commerce साइटों पर: हर प्रोडक्ट वेरिएशन (जैसे रंग या साइज़) के लिए canonical हमेशा मुख्य प्रोडक्ट पेज पर लगाएँ। इससे डुप्लीकेट कंटेंट नहीं बनेगा।
  • न्यूज़ वेबसाइट्स: breaking-news और archived-pages के लिए canonical का सही चुनाव करें, ताकि पुरानी खबरें न रैंक हों।
  • ब्लॉग्स: Pagination वाले pages (जैसे page/2/) को main blog page पर canonical करें। Tag और category पेजेस पर भी ध्यान दें।
गलतियां जो अक्सर होती हैं:
  • हर पेज को खुद पर canonical करना (Self-referencing): ये सही तरीका है, लेकिन अगर एक ही कंटेंट कई URLs पर है तो सबका canonical केवल मुख्य पेज पर रखें।
  • Noindex और canonical एक साथ लगाना: इससे Google कंफ्यूज हो सकता है, कोशिश करें दोनों साथ में न लगाएँ।
  • Dynamically generated URLs का सही management न करना: E-commerce साइटों पर filters या sorting से बनने वाले URLs हमेशा main product/page पर canonical करें।

इन सरल टिप्स को अपनाकर आप अपनी भारतीय वेबसाइट की SEO health बेहतर बना सकते हैं और Google में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।

HTML में Canonical टैग कैसे जोड़ें? – हिन्दी में स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया

3. HTML में Canonical टैग कैसे जोड़ें? – हिन्दी में स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया

इस सेक्शन में हम आपको बताएंगे कि किसी भी वेबपेज के HTML कोड में Canonical टैग कैसे ऐड करें। यह प्रक्रिया खासतौर पर भारतीय शुरुआती उपयोगकर्ताओं के लिए आसान हिन्दी भाषा में समझाई गई है।

Canonical टैग क्या होता है?

Canonical टैग एक HTML एलिमेंट है, जिसे <head> सेक्शन में जोड़ा जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य सर्च इंजन को बताना होता है कि पेज का ओरिजिनल या प्राइमरी वर्शन कौन सा है, जिससे डुप्लिकेट कंटेंट की समस्या ना हो।

Step-by-Step Process: Canonical टैग ऐड करना

  1. वेबपेज का HTML ओपन करें: सबसे पहले उस वेबपेज की फाइल खोलें जिसमें आप Canonical टैग लगाना चाहते हैं। आमतौर पर यह फाइल .html, .php या .asp एक्सटेंशन वाली होती है।
  2. <head> सेक्शन खोजें: अपने पेज के HTML कोड में <head>…</head> टैग्स को ढूंढें। यही वह जगह है जहां आपको Canonical टैग डालना है।
  3. Canonical टैग ऐड करें: अब नीचे दिए गए फॉर्मेट का Canonical टैग वहाँ डालें:
    <link rel="canonical" href="https://www.apkiwebsite.com/yeh-page-url/" />
  4. URL बदलें: href के अंदर अपनी वेबसाइट का उस पेज का सही URL लिखें, जो ओरिजिनल/प्राइमरी वर्शन है।
  5. फाइल सेव करें: अब फाइल को सेव कर दें और अपने ब्राउजर में पेज रीफ्रेश करके चेक करें कि Canonical टैग सही से जुड़ गया है या नहीं।

उदाहरण के लिए Canonical टैग कैसे दिखेगा?

Scenario Canonical टैग कोड
Main Article Page <link rel=”canonical” href=”https://www.example.com/article/” />
Same Content in Hindi & English (Hindi Version) <link rel=”canonical” href=”https://www.example.com/article-hindi/” />
Duplicate URLs (with parameters) <link rel=”canonical” href=”https://www.example.com/page/” />
भारतीय यूज़र्स के लिए जरूरी टिप्स:
  • हमेशा सुनिश्चित करें कि जिस पेज पर Canonical टैग लगा रहे हैं, उसका URL बिल्कुल सही हो और उसमें कोई टाइपिंग मिस्टेक ना हो।
  • हर पेज पर सिर्फ एक ही Canonical टैग रखें। Multiple canonical tags से गूगल कन्फ्यूज हो सकता है।
  • अगर आपकी साइट वर्डप्रेस या किसी CMS पर बनी है, तो कई SEO प्लगइन जैसे Rank Math या Yoast SEO खुद-ब-खुद canonical टैग जोड़ सकते हैं। लेकिन फिर भी मैन्युअली चेक करना चाहिए कि सही URL जुड़ा हुआ है या नहीं।

इस तरह आप आसानी से अपने वेबपेज के HTML कोड में canonical टैग ऐड कर सकते हैं और अपनी साइट की SEO हेल्थ बेहतर बना सकते हैं।

4. आम गलतियाँ और भारतीय यूज़र्स के लिए Best Practices

यहाँ सबसे आम गलतियाँ और Canonical टैग के इस्तेमाल में भारतीय वेब मैनेजर्स किन बातों का ध्यान रखें, इसकी Practical Guidance दी जाएगी।

Canonical टैग लगाने में होने वाली आम गलतियाँ

गलती क्या होता है? कैसे बचें?
डुप्लिकेट URL पर Canonical न लगाना Google एक ही कंटेंट को अलग-अलग पेज पर देखता है, जिससे रैंकिंग गिर सकती है। हर डुप्लिकेट या सिमिलर पेज पर सही Canonical सेट करें।
गलत URL को Canonical बनाना गलत पेज रैंक हो जाता है, असली पेज की वैल्यू नहीं मिलती। हमेशा सही वर्जन (मूल पेज) को ही Canonical बनाएं।
Noindex और Canonical दोनों साथ में लगाना Google कन्फ्यूज हो सकता है, जिससे SEO इम्पैक्ट खराब होता है। Noindex वाले पेज पर Canonical न लगाएं।
Rel=canonical का सिंटैक्स गलत होना Google टैग को पढ़ नहीं पाता, जिससे फायदा नहीं मिलता। <link rel=”canonical” href=”https://example.com/…”> ऐसे ही फॉर्मेट में लगाएं।
Self-Referencing canonical न लगाना पेज खुद को Canonical डिक्लेयर नहीं करता तो कभी-कभी दिक्कत हो सकती है। हर ओरिजिनल पेज पर Self-Referencing canonical जरूर लगाएं।

भारतीय वेबसाइट्स के लिए Best Practices (Best Indian Practices)

  • बहुभाषी वेबसाइट्स: अगर आपकी वेबसाइट हिंदी, इंग्लिश या किसी अन्य भारतीय भाषा में है, तो हर भाषा वर्जन के लिए उसका खुद का Canonical सेट करें और hreflang टैग भी इस्तेमाल करें।
  • E-commerce साइट्स: फिल्टर या सॉर्टिंग से बने अलग-अलग URLs पर भी Canonical टैग मूल प्रोडक्ट या कैटेगरी पेज की तरफ लगाएं।
  • Blogger & News साइट्स: आर्टिकल के प्रिंट वर्जन या AMP वर्जन पर भी Canonical हमेशा ओरिजिनल आर्टिकल की तरफ रखें।
  • UTM Parameters: ट्रैकिंग या विज्ञापन से बने URLs (utm_source आदि) को भी Canonical में क्लीन URL की तरफ पॉइंट करें।
  • Crawling Issues: इंडियन सर्वर स्लो हों तो Googlebot Crawl Delay बढ़ सकता है, इसलिए Canonical सही ढंग से लागू करने से Crawl Budget बचेगा।

Indian Webmasters के लिए Quick Tips:

  1. Sitemap में वही URLs डालें जो Canonical हैं।
  2. HTTPS और WWW/non-WWW वर्जन को लेकर कंफ्यूजन ना हो, एक ही वर्जन को Canonical बनाएं।
  3. Cpanel/Hosting से Auto-generated डुप्लिकेट पेज हटाएं और केवल जरूरी पेज पर ही Canonical लगाएं।
सही Implementation का Example:
पेज टाइप Canonical Example Code
Main Hindi Article Page
(मूल हिंदी आर्टिकल)
<link rel=”canonical” href=”https://yourwebsite.com/hindi-article/”>
Same Article with UTM
(UTM वाला URL)
<link rel=”canonical” href=”https://yourwebsite.com/hindi-article/”>

इन बेसिक बातों का ध्यान रखकर भारतीय वेब मैनेजर्स अपनी साइट की SEO हेल्थ बेहतर कर सकते हैं और गूगल में अच्छी रैंकिंग पा सकते हैं।

5. Canonical टैग को वेरिफाई कैसे करें और SEO पर इसका असर

Canonical टैग सही से काम कर रहा है या नहीं, यह कैसे चेक करें?

Canonical टैग लगाने के बाद सबसे जरूरी है यह जानना कि आपका टैग सही से काम भी कर रहा है या नहीं। इसके लिए आप कुछ आसान Tools और Methods का इस्तेमाल कर सकते हैं:

Useful Tools & Methods

Tool/Method कैसे इस्तेमाल करें
Google Search Console URL Inspection Tool में अपनी वेबसाइट का URL डालें और देखें Google किस पेज को Canonical मान रहा है।
SEO Browser Extensions (जैसे MozBar, Ahrefs, या SEOquake) Extension इंस्टॉल करने के बाद अपने पेज को खोलें और Canonical सेक्शन में जाकर चेक करें कि आपका canonical link सही दिख रहा है या नहीं।
View Page Source पेज पर Right Click करके View Page Source चुनें, फिर “rel="canonical"” खोजें और देखें सही URL दिया है या नहीं।
Online Canonical Checker Tools Screaming Frog जैसे टूल्स में अपना साइट स्कैन करके Canonical Tags की रिपोर्ट देखें।

SEO और ट्रैफिक पर Canonical टैग का असर कैसे मापें?

Canonical टैग अगर सही तरीके से सेट हुआ है तो इसका फायदा आपकी वेबसाइट की रैंकिंग और ट्रैफिक पर साफ दिखता है। यहां जानिए कैसे:

Effect Measurement Tips

क्या जांचें? कैसे जांचें?
Duplicate Content Issue कम हुआ या नहीं? Google Search Console में Coverage Report देखें, Duplicate URLs की संख्या घट गई होगी।
Traffic Consolidation Google Analytics में देखें कि पुराने डुप्लिकेट पेजों का ट्रैफिक अब Canonical पेज पर आ रहा है या नहीं।
Search Ranking Improvement Main Canonical URL की Keyword Rankings चेक करें – क्या Position Improve हुई है?
Crawling Efficiency बढ़ी या नहीं? Crawl Stats Report से पता चल सकता है कि Googlebot अब कम Pages Crawl कर रहा है, जिससे Crawl Budget बचेगा।

Useful Tips for Indian Websites (भारतीय Websites के लिए खास टिप्स)

  • अगर आपकी साइट multi-language या multi-regional है (जैसे Hindi, English, Tamil), हर भाषा/रिज़न के लिए अलग canonical जरूर लगाएं।
  • E-commerce साइट्स में similar product pages के लिए भी canonical set करना न भूलें।
  • Blogger/WordPress यूजर्स Yoast SEO या RankMath जैसे plugins से आसानी से canonical set और verify कर सकते हैं।
ध्यान दें:

अगर canonical tag गलत लगा दिया गया तो traffic loss हो सकता है, इसलिए ऊपर दिए गए methods से हमेशा cross-check करें!